मरकज के लोगों के कारण आज पूरे देश में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ते जा रहा है?
कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है इससे सरकार ने पूरे देश में सोशल डिस्टेंस की अपील की जा रही है इस बीच दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबली के मरकस से करीब 1548 निकाले गए लोगों में से अधिकांश कोरोना पॉजिटिव होने की आशंका से पूरे देश में हड़कंप मच गया है ।
और बताया जा रहा है कि यह ज्यादा से ज्यादा लोगों को फैलेगा । दिल्ली के प्रशासन अपने कानों में तेल डाल कर सो रही थी क्या फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि मरकत से निकाले गए लोगों में 445 लोगों में करोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं दिल्ली में अभी तक सामने आए करोना के मरीज 97 में से 24 पॉजिटिव केस पाए गए हैं।
5 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके और दो लोगों की मौत हो चुकी है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी तक सामने आए गए कोरोना के मामलों में रिसर्च में जो सामने आई है वह लोकल ट्रांसमिशन का फिलहाल कोई प्रमाण नहीं मिला है फिलहाल मरकज से जिन लोगों को निकाला गया है उनमें से ज्यादा लोगों को कोरोनावायरस हो सकता हैं इससे वायरस से सावधान होने की जरूरत है। मरकज में 12-24 मार्च को बड़ी संख्या में आए गए लोग सम्मिलित हुए थे। वहां से जिन्हें निकाला गया है उनमें से 24 केस पॉजिटिव आए हैं।
प्रशासन की लापरवाही
केजरीवाल ने कहा जब सब कुछ बंद था तो मरकज में इतने सारे मुसलमान इकट्ठा कैसे हुए। अपनी सरकार पर लग रहे आरोपों को लेकर केजरीवाल ने कहा कि मरकज के मामले में दिल्ली सरकार की ओर से fir दर्ज किए जाएंगे और जल्द ही इस पर कार्रवाई के आदेश दिए जाएंगे। यदि कोई लापरवाही पाई जाती है तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी केजरीवाल ने कहा कि यह कितना खतरनाक हो सकता है कि जो लोग ऐसे कार्यक्रम में शामिल हुए उन्हें संक्रमित होने की संभावना तो है ही और इसमें आए गए लोगों को भी फैलने का खतरा है।
मुख्यमंत्री ने बताया अब तक 1548 लोगों को मरकत से निकाला गया इनमें से एक 1197 लोगो को टेस्टिंग के लिए भेजा गया है इस तरह लोगों का इकट्ठा होना एक बहुत बड़ी लापरवाही है इस कार्यक्रम के बाद देश के दूसरे देशों में लोग गए हैं जिससे वहां भी प्रभाव पड़ सकता है मरकज मामले में मुख्यमंत्री नाराजगी बताते हुए कहा कि जब सारे मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे बंद थे फिर ऐसे में यह हरकत क्यों की गई।
21 मार्च को गृह मंत्रालय ने जानकारी दी 21 मार्च तक हजरत निजामुद्दीन मरकज में शामिल 1746 लोग रह रहे थे इनमें से 216 विदेशी और पंद्रह सौ भारतीय इसके अतिरिक्त 824 विदेशी 21 मार्च को विदेश विभिन्न तबले विद्या कर रहे थे इन लोगों को ढूंढना बहुत मुश्किल है और इससे लोकल ट्रांसमिशन का भी खतरा बन रहा है दिल्ली के सीएम ने कहा अब तक 1548 लोगों को मरकत से निकाला गया है जिनमें से 441 में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं
अरविंद केजरीवाल ने बताया
दिल्ली में टोटल 97 कैसे हुए हैं 97 केस में से 5 ठीक हो कर वह घर चले गए। 2 लोगों की मृत्यु हो गई। इनमें से एक व्यक्ति
सिंगापुर चला गए हैं।अब 89 केस बचे हुए हैं 89 केस में एक पेशेंट वेंटीलेटर पर है हम सोच सकते हैं कि वही थोड़े से सीरियस है दो लोग ऑक्सीजन पर है और हमें उम्मीद है कि यह लोग ठीक हो जाए और जो वेंटिलेटर पर हैं और उम्मीद करता हूं कि वह भी ठीक हो जाए। और वे अपने अपने घर चले जाएंगे।
करोना से मरने वाले लोगों का दाह संस्कार होना चाहिए? क्योंकि दफन करने से यह वायरस तेजी से फैल सकता है
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि मरने वाले लोगों को जला दिया जाए क्योंकि दफन करने से यह वायरस तेजी से फैल सकता है और उन्होंने कहा है कि वह चाहे कोई भी धर्म का व्यक्ति हो उसे जलाया जाए। यदि कोई इस बात का उल्लंघन करता है तो उसे 4 साल की कैद ₹50000 जुर्माना भी भरना होगा। चाहे वह कोई भी धर्म का व्यक्ति हो।